बता दे की शासन ने तीन जुलाई को जिला पंचायत के अभियंता अनिल जोशी को निलंबित कर दिया गया था, जिसको लेके अभियंता अनिल जोशी के द्वारा उक्त निलंबन के प्रत्युत्तर में अपने ऊपर अधिरोपित आरोपों को अस्वीकार करते हुए निलम्बन आदेश को सचिव पंचायतीराज विभाग, उत्तराखण्ड शासन से निरस्त किये जाने का अनुरोध किया गया था। अभियंता अनिल जोशी ने उन पर लगाए गए आरोप को आधारहीन व निराधार बताते हुए निलंबन वापस लेने की मांग शासन से की थी। शासन ने अब उनका निलंबन वापस ले लिया है। और पुनः उनको जिला पंचायत पिथौरागढ़ के अभियंता के पद पर बहाल कर दिया गया है, साथ ही कहा गया है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई की जांच जारी रहेगी और उनके विरूद्ध प्रचलित विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही के अन्तिम रूप से निस्तारण के पश्चात पृथक से निर्णय लिया जाएगा।
बता दे की शासन ने तीन जुलाई को जिला पंचायत के अभियंता अनिल जोशी को निलंबित कर दिया गया था, जिसको लेके अभियंता अनिल जोशी के द्वारा उक्त निलंबन के प्रत्युत्तर में अपने ऊपर अधिरोपित आरोपों को अस्वीकार करते हुए निलम्बन आदेश को सचिव पंचायतीराज विभाग, उत्तराखण्ड शासन से निरस्त किये जाने का अनुरोध किया गया था। अभियंता अनिल जोशी ने उन पर लगाए गए आरोप को आधारहीन व निराधार बताते हुए निलंबन वापस लेने की मांग शासन से की थी। शासन ने अब उनका निलंबन वापस ले लिया है। और पुनः उनको जिला पंचायत पिथौरागढ़ के अभियंता के पद पर बहाल कर दिया गया है, साथ ही कहा गया है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई की जांच जारी रहेगी और उनके विरूद्ध प्रचलित विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही के अन्तिम रूप से निस्तारण के पश्चात पृथक से निर्णय लिया जाएगा।